उपेक्षित अपनों के बीच उपेक्षित अपनों के बीच
धर्म के नाम पर बटते भोजन पशु और रंग भी देखे हैं। धर्म के नाम पर बटते भोजन पशु और रंग भी देखे हैं।
रंगीन चश्मों से मत देखना मुझे रंगीन चश्मों से मत देखना मुझे
अस्तित्व क्या ? तेरे जीवन में मेरा !! एहसास तुझे भी हुआ , और मुझे भी , अस्तित्व क्या ? तेरे जीवन में मेरा !! एहसास तुझे भी हुआ , और मुझे भी ,
नाम में क्या रखा है! नाम में क्या रखा है!
मगर, यह गुजरती भी नहीं, अपनों के बिना। मगर, यह गुजरती भी नहीं, अपनों के बिना।